Posts

|| शनिवार संवाद || 18 -05 -2024

 आजकल बड़ी गजब की खबरे आ रही है , रूस और उक्रैन युद्ध के बाद से हम सबसे ज्यादा फायदे में है | पहले हमने सस्ते में तेल खरीदा | ये डिस्काउंट 20 % के आस पास था,अब ये  10 -15 % है | कच्चा तेल हमे इस डिस्काउंट के साथ भारत आया इसका मतलब यह तेल हमारे देश में इसी डिस्काउंट के साथ आया  जहाज का किराया और इन्शुरन्स के साथ |  इससे हमारे इकॉनमी को बढ़ने के लिए एक संजीवनी की तरह थी और है भी | इससे  हमारे आंतरिक कीमतों में बहुत ज्यादा बड़ी नहीं |  जब दुनिया महंगाई से परेशान थी उस वक़्त हम इससे बचे हुए थे | हम अपना बजट में ज्यादा बदल न करते हुए आगे बढ़ रहे थे क्युकी तेल की महंगाई  स्थिर थी | जिससे अन्य महंगाई बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी | ये थी पुरानी और चलती हुई बाते| आज ये हमारे उतनी महत्त्व की नहीं | पर फायदा हमे मिला |   आज जो हो रहा है वो हम चाहते थे पर पहले असंभव सा लगता था  | हमने सैंक्शन की वजह से रूस को रूपये में भुगतान कर रहे थे | हमारा इम्पोर्ट ें दो साल में लगभग $50 B का है , इसका भुगतान के पैसे अभी भी  हमारे पास ही है | हमने इम्पोर्ट कम कर दिया जब रूस ने करेंसी चेंज करने को कहा |  यह पैसा हमारे पास ह

|| शनिवार संवाद || 11-05 -2024

हर अप्रैल की तरह इसबार GST का संग्रह 2 लाख करोड़ को पर कर गया | अगर हम पिछले कुछ साल जो की कोरोना के बाद के है उसमे हम पाते है की जो रकम अप्रैल में संग्रहित होती है उसके आस पास ही gst की कलेक्शन पुरे साल होती रहती है |  पिछले साल का कलेक्शन जोकि लगभग 1 करोड़ 80 लाख का महीने दर  महीने  थी उससे पहले यही 1. 6 लाख करोड़ थी |  इस साल हम ऐसी ट्रेंड को फॉलो कर सकते है | और हमारा कलेक्शन 2 लाख करोड़ का रह सकता है, विकास के लिए ज्यादा पैसे की उपलब्धता |  जब से हमने पैन और आधार को लिंक कर दिया है ट्रांस्पेरेन्सी बढ़ रही है | जोकि ज्यादा कलेक्शन में दिख रही है | इसके साथ ही हमने अन्य रिफॉर्म्स भी किया जोकि आवश्यक थे | ये हमारी मानसिकता की बदल को भी दर्शाती है | अब पैसे का  सद उपयोग बढ़ गया है और उसका फायदा सभी को एक जैसा मिल रहा है |  सबसे बड़ी बात ये है की चुनाव का असर अब भी नहीं दिख रहा है जोकि चुनाव से 6 महीने पहले दिखना शुरू हो जाता था मार्किट से पैसा गायब हो जाता था पर अब ये नहीं हो रहा है वरन लोग विश्वास के साथ निवेश कर  रहे है | दुनिया बदल गई है और भारत भी, लोगो को या पूरी दुनिया भारत पर भरोसा कर

|| शनिवार संवाद || 27-04-2024

चालू ..   दुनिया दो मुहाने पर खड़ी है,कोरोना की मार का असर है साथ ही युद्ध भी चल रहे है |  दुनिया बढ़ रही है, सिकुड़ रही है और स्थिर है | हम बढ़ रहे है पर जर्मनी स्थिर रही है जापान या अमेरिका या यूरोप सिकुड़ रहे है | चीन के डाटा पर कोई कुछ न कहे यही अच्छा है |  हमारे माइक्रो & मैक्रो इंडिकारटर्स स्थिर है या सकारात्मक स्तिथि को दर्शाते है | और ये १ या २ महीने से नहीं वरन पिछले २/३ साल से यही  है |  10 साल से यह हो रहा है हम धीरे धीरे बढ़ रहे यह और स्तिथि को नकारत्मक होने से बचते हुए आगे बढ़ रहे है |    इसका असर धरातल पर दिख रहा है, इन्वेस्टर्स चाहे घरेलु हो या विदेशी सब निश्चिन्त हो कर निवेश का प्लान बना रहा है  या उसका एक्सेक्यूशन कर  रहे है | इसका उदहारण आप म्यूच्यूअल फण्ड के निवेश से देख सकते है | या अन्य फाइनेंसियल प्रोडक्ट में निवेश दिख रहा है जो महीने दर महीने बढ़ रही है और निवेशित है |  अभी टेस्ला का निवेश भारत आ रहा है जोकि $500 M है और टेस्ला अपना इकोसिस्टम भारत में ही ला रही है जैसे एप्पल कर रही है | जब एप्पल आई थी उस वक़्त सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट असेंबली के वेंडर लाये थे | अब वे अपने दू

|| शनिवार संवाद || 20-04-2024

ये समय बदलाव का है और हम इसको रोक नहीं सकते | हम चाहे या न चाहे हमे इसमें हमारी भागीदारी होगी | ये भी सच है की बदलाव शाश्वत है और दुनिया बदलती रहती है और आपके इच्छा का कोई महत्त्व नहीं |    कल तक दुनिया की बड़ी कम्पनी चीन का रुख करती थी न की भारत को तवज्जो देती थी | पूरी दुनिया अपनी मैन्युफैक्चरिंग के लिए पहला और अंतिम सोर्स चीन को मानते थे | हम सिर्फ सॉफ्टवेयर के लिए याद  किये जाते थे | हमने अपना मैन्युफैक्चरिंग को लगभग बंद कर दिया था | सिर्फ सर्विसेज पर डिपेंडेंट हो गए थे | इम्पोर्ट ओनली थे गुड्स के लिए |  या जो भी घरेलु उत्पादन था वो हैवी इंडस्ट्री में था | छोटी और मझोली कंपनी बंद हो रहे थे | या हमारा अपना इकोसिस्टम बंद या खत्म हो गए | कोरोना ने हमे आत्मनिर्भर होने पर मजबूर किया और उसी वक्त दुनिया भी ऐसी सोच के साथ आगे बढ़ रही थी |  इस बार हमे पूरा इकोसिस्टम बनाना होगा जिसमे डिज़ाइन, मटेरियल, प्रोसेस या मैन्युफैक्चरिंग, टूल्स, रिसर्च  और डिस्ट्रीब्यूशन सब हमारा होगा |  अभी हम पुरे सिस्टम पर नियंत्रण नहीं करते और इसे  खत्म करना होगा | पहले बैंक्स छोटे व्यापारी पर भरोसा नहीं करते  थे और

|| शनिवार संवाद || 13-04-2024

पिछले संवाद में हमने चुनाव के बारे में कहा था ये चुनाव अलग है माहौल वैसा नहीं है जो पहले के चुनाव के वक़्त होता था | पहले लगभग 6 महीने काम बंद होता था यानि पूरा साल कोई निर्णय नहीं होता था | इस बार हम देख रहे की  कॉर्पोरेट्स और सरकार  के तरफ से सतत निर्णय लिए जा रहे और उनपर अमल  हो रहे है |  कही भी अनिश्चितता नहीं दिख रही है वरन रूटीन जैसा था वैसा ही है  इसका परिणाम हमे दिख और महसूस हो रहा है | कल सेंसेक्स 75000 के स्तर को पर गया | एप्पल ने अपने कर्मचारियों के लिए मकान बना रही है ये करीब करीब सवा लाख यूनिट पार कर जाती है |  आज रिलायंस,वेलस्पन और अडानी ग्रीन हाइड्रोजन के लिए अपनी योजना फाइनल कर ली है निवेश लगभग १ लाख करोड़ है जो की स्थिरता का प्राक्रतिक है |  सरकार  इस हफ्ते 100 दिनों का कार्यक्रम बना रही है जो की  कभी नहीं हुआ | अभी चुनाव चल रहे और पहले चरण का मतदान नहीं  हुआ |  नए प्रशासन का एजेंडा अभी से तैयार कर सरकार एक प्रकार से आगे की रणनीति का खुलासा या संकेत दे रही है| स्थिरता थी और आगे भी रहेगी |  एप्पल अपना इकोसिस्टम जो अभी चीन में है उसे भारत में लाने की योजना पर काम बढ़ा दिया

|| शनिवार संवाद || 06-04-2024

 चुनाव का मौसम अब अपने शबाब  पर आ रहा है और हम सब चुनाव के रंग में रंग रहे है | ५४ दिनों में हम नई सरकार  चुन लेंगे |  इसमें हमारा सहभागी होना अत्यंत आवश्यक है क्युकी बाद में सरकार  को कोसना अच्छा नहीं, अब हमे अपना निर्णय लेने और उस पर अमल करने का अवसर है उसका उपयोग करे |  पहली बार ऐसा हो रहा है की सरकार चुनाव मोड में होते हुए भी पूरी तरह से काम कर रही है और निर्णय ले रही है |  हम अपनी अर्थव्यवस्था की तरफ से आश्श्वस्थ  है जो की RBI की मॉनिटरी पालिसी में भी इंगित होती है | जीडीपी में जो बढ़ोतरी की दर है और आगे जो रहने की अपेक्षा है वो भी 7+ % के आस पास होगी |  चुनाव का नतीजा जो भी हो अभी हमे पालिसी और पोलिटिकल  स्टेबिलिटी का फायदा दिख एवं मिल रहा है | अगर ये सरकार पुनः आती है तो हम और अच्छे निर्णय और उसका क्रियान्वयन होते देखेंगे |  दुनिया ये मान कर चल रही है हम आने वाले समय में  आगे बढ़ेंगे और उनके लिए अच्छा निर्णय लेकर उनकी बढ़त में सहभागी होंगे | समन्वय आज की आवश्यकता है जो दुनिया की शांति और समृद्धि का मार्ग सुनिश्चित करेगी  | एक धृवी दुनिया से हम अनेक ध्रुवी दुनिया की तरफ बढ़ रहे है और

|| शनिवार संवाद || 02-03-2024

साल २०२० में सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की गयी थी | कोई ७६००० करोड़ की भारी  भरकम योजना हमे आत्मनिर्भर बनाने के लिए थी, प्रोडक्शन शुरू करने पर ये रकम सब्सिडी मिलनी थी  इसमें कई बदलाव किये गए और पिछले साल से अब तक ४ कंपनी ने इसके लिए आवेदन किये है | इसमें फॉक्सकॉन का प्लांट जोकि धोलेरा गुजरात में बनाने लगा है |  अब तक हम इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सिर्फ ट्रेडिंग करते थे या उससे पहले असेंब्ली करते थे डिज़ाइन या उसके कॉम्पोनेन्ट हम विदेश से लेते थे |  फिर हम १००% इम्पोर्ट पर निर्भर हो गए और इसका इम्पोर्ट बिल कोई १०० करोड़ डॉलर तक पहुंचने लगा था सारी  जरुरत के लिए हम चीन पर डिपेंडेंट थे |  हमने अपना इकोसिस्टम नहीं बनाया या जो भी था उसे खत्म कर दिया | जो भी इकोसिस्टम था उसमे लाखो लोगो का रोजगार था |  जैसे जैसे हम सॉफ्टवेयर में हब बनते गए वैसे वैसे मैन्युफैक्चरिंग के लिए दुसरो पर निर्भर हो गए जिससे हमे पुरे eco  सिस्टम  का लाभ नहीं मिला ना ही हम अपने इम्पोर्ट को कम कर सके |  अब फोकस एरिया आत्मनिर्भरता है | इको सिस्टम पर काम शुरू कर दिया अब असेंबली के साथ कॉम्पोनेन्ट का उत्पादन भी हो रहा है,