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Showing posts from February, 2024

|| शनिवार संवाद || 24-02-2024

चुनाव सर पर है और माहौल धीरे धीरे गरम हो रहा है | और देश की अर्थ  व्यवस्था भी पूरी शिद्दत से बढ़ रही है | आज हम चुनाव के बारे में नहीं बात करने वाले वरन इकॉनमी की ही बात करेंगे |  पहले की बात नहीं करेंगे, पर हम इन पांच सालो की बात करेंगे |२०१४ से २०१९ तक  अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण का दौर था|  हम कुछ बातो को देखते है :- १. हमारा करंट अकाउंट डेफिसिएट या CAD कम हो रहा है ये आज २% से कम है|  २. हमारा एक्सपोर्ट इस विपरीत परिस्थिति में भी बढ़  रहा है हम सालाना वृद्धि देख रहे है |  ३. हम यूरोप और अमेरिका के साथ साथ अन्य मार्किट को काबिज कर रहे है जिससे एक्सपोर्ट का बढ़ने के साथ रिस्क कम होगा |  ४.  विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहे है |  ५. हाई एन्ड टेक्नोलॉजी के लिए निवेश आ रहा है |  ६. सरकार की आमदनी स्टाम्प ड्यूटी से आने वाली सतत बाद रही इसका मतलब मकानों की बिक्री बढ़ रही है और रेडी तो मूव मकानों की संख्या कम हो रही है |  ७. सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ने से टैक्स कलेक्शन बढ़ रहा है |  ८. बैंक लोन  बढ़ने से उद्योग में निवेश हो रहा है |  ९. बैंक लोन रिकवरी बढ़ रही है |  १०. RERA  से सारे  भागीदार फायदा उठ

|| शनिवार संवाद || 17-02-2024

 अर्थ व्यवस्था के  हाल  पर प्रकाश डालने के लिए सरकार  ने श्वेत पत्र लाया  है| आज हम अपनी अर्थ व्यवस्था के उत्थान को देख और अनुभव कर रहे है| अगर हम १९१९ से आज तक का सफर देखते है तो पाते  है की अभी उसका इम्पैक्ट या सामाजिक असर ज्यादा है |  हम भारतीय, वेल्थ को बढ़ाने में विश्वास  करते है, हमारी परवरिश और सामाजिक परिवेश इसके लिए बेहद अनुकूल है | १९९१ से हम लगातार मध्यम वर्ग बड़ा रहे है और ये वर्ग लगातार पैसो का सर्कुलेशन करने में सहायक होते है |  पहले पहले हमें इसके लिए तैयार नहीं थे और न ही कोई व्यवस्था थी उसके लिए | पिछले दस साल से हम अपनी बेसिक जरूरतों को पूरा करने में ध्यान दिया जिससे इसका असर और व्यापक हो गया| उदाहरण के लिए हम PM आवास योजना को देखे तो आप अच्छी तरह से समझ सकते है  इसका असर | पिछले ७० साल से हम बिजली कपड़ा और मकान पर चुनाव होते देखा और ये वादा अब जा कर पूरा हो रहा है  इसके साथ बिजली और स्वच्छ पानी घर तक पहुंच रहा है |  मकान, बिजली और पानी ये जरूरत पूरी होने पर आप अपनी सोच को बड़ा कर सकते हो और अन्य बातो पर ध्यान देना आसान होता है | सामान्य तौर से देखे तो हम इसको जानते है और

|| शनिवार संवाद || 10-2-2024

इस बार अंतरीम बजट आया और उसने सबको अपनी ओर  आकर्षित किया | इससे पहले भी अंतरीम  बजट चुनाव से पहले आते थे और उसमे कुछ न कुछ फ्रीबी होती थी या फिर कोई छूट मिलती या उसमे बढ़त होती थी | पर इस बार इसमें बदलाव ये है की आगे की योजनाये जो आने वाली है और जो चल रही उनपर स्तिथि साफ की गयी है |  ये पहली बार हो रहा है जिसमे छूट के बजाये योजना की स्तिथि स्पष्ट की गयी अब तक हम चुनाव के समय सिर्फ लोकलुभावन घोषणा ही होते थे |  राज कोषीय  घाटा  के बारे कोई घोषणा होगी ये किसने  भी  सोचा नहीं था |  इस साल राजकोषीय घा टा ५.८% रहेगा और अगले साल ५. १ % सकल घरेलु उत्पाद का  | ये एक बात आपको आश्वस्त करती है की आपके टैक्स का सही उपयोग किया जायेगा | अगर सरकार  अपना एकाउंट  साफ रखती है  यानि आमदनी और खर्चा  में कोई अंतर नहीं , तो वह आपको टैक्स बर्डन के न बढ़ने की गवाही देता है |  लॉक डाउन खुलने के बाद पूरी दुनिया जब आर्थिक परेशानी से गुजर रही है हम आगे बढ़ रहे है और  अब अपने अकाउंट को व्यवस्थित कर रहे है  जो की आने वाले समय में आप और विकास की अपेक्षा कर सकते है |  अब हमारा पैसा कहा लग रहा है उसका हिसाब किताब खुली कि