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|| शनिवार संवाद || 27-04-2024

चालू ..   दुनिया दो मुहाने पर खड़ी है,कोरोना की मार का असर है साथ ही युद्ध भी चल रहे है |  दुनिया बढ़ रही है, सिकुड़ रही है और स्थिर है | हम बढ़ रहे है पर जर्मनी स्थिर रही है जापान या अमेरिका या यूरोप सिकुड़ रहे है | चीन के डाटा पर कोई कुछ न कहे यही अच्छा है |  हमारे माइक्रो & मैक्रो इंडिकारटर्स स्थिर है या सकारात्मक स्तिथि को दर्शाते है | और ये १ या २ महीने से नहीं वरन पिछले २/३ साल से यही  है |  10 साल से यह हो रहा है हम धीरे धीरे बढ़ रहे यह और स्तिथि को नकारत्मक होने से बचते हुए आगे बढ़ रहे है |    इसका असर धरातल पर दिख रहा है, इन्वेस्टर्स चाहे घरेलु हो या विदेशी सब निश्चिन्त हो कर निवेश का प्लान बना रहा है  या उसका एक्सेक्यूशन कर  रहे है | इसका उदहारण आप म्यूच्यूअल फण्ड के निवेश से देख सकते है | या अन्य फाइनेंसियल प्रोडक्ट में निवेश दिख रहा है जो महीने दर महीने बढ़ रही है और निवेशित है |  अभी टेस्ला का निवेश भारत आ रहा है जोकि $500 M है और टेस्ला अपना इकोसिस्टम भारत में ही ला रही है जैसे एप्पल कर रही है | जब एप्पल आई थी उस वक़्त सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट असेंबली के वेंडर लाये थे | अब वे अपने दू

|| शनिवार संवाद || 20-04-2024

ये समय बदलाव का है और हम इसको रोक नहीं सकते | हम चाहे या न चाहे हमे इसमें हमारी भागीदारी होगी | ये भी सच है की बदलाव शाश्वत है और दुनिया बदलती रहती है और आपके इच्छा का कोई महत्त्व नहीं |    कल तक दुनिया की बड़ी कम्पनी चीन का रुख करती थी न की भारत को तवज्जो देती थी | पूरी दुनिया अपनी मैन्युफैक्चरिंग के लिए पहला और अंतिम सोर्स चीन को मानते थे | हम सिर्फ सॉफ्टवेयर के लिए याद  किये जाते थे | हमने अपना मैन्युफैक्चरिंग को लगभग बंद कर दिया था | सिर्फ सर्विसेज पर डिपेंडेंट हो गए थे | इम्पोर्ट ओनली थे गुड्स के लिए |  या जो भी घरेलु उत्पादन था वो हैवी इंडस्ट्री में था | छोटी और मझोली कंपनी बंद हो रहे थे | या हमारा अपना इकोसिस्टम बंद या खत्म हो गए | कोरोना ने हमे आत्मनिर्भर होने पर मजबूर किया और उसी वक्त दुनिया भी ऐसी सोच के साथ आगे बढ़ रही थी |  इस बार हमे पूरा इकोसिस्टम बनाना होगा जिसमे डिज़ाइन, मटेरियल, प्रोसेस या मैन्युफैक्चरिंग, टूल्स, रिसर्च  और डिस्ट्रीब्यूशन सब हमारा होगा |  अभी हम पुरे सिस्टम पर नियंत्रण नहीं करते और इसे  खत्म करना होगा | पहले बैंक्स छोटे व्यापारी पर भरोसा नहीं करते  थे और

|| शनिवार संवाद || 13-04-2024

पिछले संवाद में हमने चुनाव के बारे में कहा था ये चुनाव अलग है माहौल वैसा नहीं है जो पहले के चुनाव के वक़्त होता था | पहले लगभग 6 महीने काम बंद होता था यानि पूरा साल कोई निर्णय नहीं होता था | इस बार हम देख रहे की  कॉर्पोरेट्स और सरकार  के तरफ से सतत निर्णय लिए जा रहे और उनपर अमल  हो रहे है |  कही भी अनिश्चितता नहीं दिख रही है वरन रूटीन जैसा था वैसा ही है  इसका परिणाम हमे दिख और महसूस हो रहा है | कल सेंसेक्स 75000 के स्तर को पर गया | एप्पल ने अपने कर्मचारियों के लिए मकान बना रही है ये करीब करीब सवा लाख यूनिट पार कर जाती है |  आज रिलायंस,वेलस्पन और अडानी ग्रीन हाइड्रोजन के लिए अपनी योजना फाइनल कर ली है निवेश लगभग १ लाख करोड़ है जो की स्थिरता का प्राक्रतिक है |  सरकार  इस हफ्ते 100 दिनों का कार्यक्रम बना रही है जो की  कभी नहीं हुआ | अभी चुनाव चल रहे और पहले चरण का मतदान नहीं  हुआ |  नए प्रशासन का एजेंडा अभी से तैयार कर सरकार एक प्रकार से आगे की रणनीति का खुलासा या संकेत दे रही है| स्थिरता थी और आगे भी रहेगी |  एप्पल अपना इकोसिस्टम जो अभी चीन में है उसे भारत में लाने की योजना पर काम बढ़ा दिया

|| शनिवार संवाद || 06-04-2024

 चुनाव का मौसम अब अपने शबाब  पर आ रहा है और हम सब चुनाव के रंग में रंग रहे है | ५४ दिनों में हम नई सरकार  चुन लेंगे |  इसमें हमारा सहभागी होना अत्यंत आवश्यक है क्युकी बाद में सरकार  को कोसना अच्छा नहीं, अब हमे अपना निर्णय लेने और उस पर अमल करने का अवसर है उसका उपयोग करे |  पहली बार ऐसा हो रहा है की सरकार चुनाव मोड में होते हुए भी पूरी तरह से काम कर रही है और निर्णय ले रही है |  हम अपनी अर्थव्यवस्था की तरफ से आश्श्वस्थ  है जो की RBI की मॉनिटरी पालिसी में भी इंगित होती है | जीडीपी में जो बढ़ोतरी की दर है और आगे जो रहने की अपेक्षा है वो भी 7+ % के आस पास होगी |  चुनाव का नतीजा जो भी हो अभी हमे पालिसी और पोलिटिकल  स्टेबिलिटी का फायदा दिख एवं मिल रहा है | अगर ये सरकार पुनः आती है तो हम और अच्छे निर्णय और उसका क्रियान्वयन होते देखेंगे |  दुनिया ये मान कर चल रही है हम आने वाले समय में  आगे बढ़ेंगे और उनके लिए अच्छा निर्णय लेकर उनकी बढ़त में सहभागी होंगे | समन्वय आज की आवश्यकता है जो दुनिया की शांति और समृद्धि का मार्ग सुनिश्चित करेगी  | एक धृवी दुनिया से हम अनेक ध्रुवी दुनिया की तरफ बढ़ रहे है और

|| शनिवार संवाद || 02-03-2024

साल २०२० में सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की गयी थी | कोई ७६००० करोड़ की भारी  भरकम योजना हमे आत्मनिर्भर बनाने के लिए थी, प्रोडक्शन शुरू करने पर ये रकम सब्सिडी मिलनी थी  इसमें कई बदलाव किये गए और पिछले साल से अब तक ४ कंपनी ने इसके लिए आवेदन किये है | इसमें फॉक्सकॉन का प्लांट जोकि धोलेरा गुजरात में बनाने लगा है |  अब तक हम इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सिर्फ ट्रेडिंग करते थे या उससे पहले असेंब्ली करते थे डिज़ाइन या उसके कॉम्पोनेन्ट हम विदेश से लेते थे |  फिर हम १००% इम्पोर्ट पर निर्भर हो गए और इसका इम्पोर्ट बिल कोई १०० करोड़ डॉलर तक पहुंचने लगा था सारी  जरुरत के लिए हम चीन पर डिपेंडेंट थे |  हमने अपना इकोसिस्टम नहीं बनाया या जो भी था उसे खत्म कर दिया | जो भी इकोसिस्टम था उसमे लाखो लोगो का रोजगार था |  जैसे जैसे हम सॉफ्टवेयर में हब बनते गए वैसे वैसे मैन्युफैक्चरिंग के लिए दुसरो पर निर्भर हो गए जिससे हमे पुरे eco  सिस्टम  का लाभ नहीं मिला ना ही हम अपने इम्पोर्ट को कम कर सके |  अब फोकस एरिया आत्मनिर्भरता है | इको सिस्टम पर काम शुरू कर दिया अब असेंबली के साथ कॉम्पोनेन्ट का उत्पादन भी हो रहा है,

|| शनिवार संवाद || 24-02-2024

चुनाव सर पर है और माहौल धीरे धीरे गरम हो रहा है | और देश की अर्थ  व्यवस्था भी पूरी शिद्दत से बढ़ रही है | आज हम चुनाव के बारे में नहीं बात करने वाले वरन इकॉनमी की ही बात करेंगे |  पहले की बात नहीं करेंगे, पर हम इन पांच सालो की बात करेंगे |२०१४ से २०१९ तक  अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण का दौर था|  हम कुछ बातो को देखते है :- १. हमारा करंट अकाउंट डेफिसिएट या CAD कम हो रहा है ये आज २% से कम है|  २. हमारा एक्सपोर्ट इस विपरीत परिस्थिति में भी बढ़  रहा है हम सालाना वृद्धि देख रहे है |  ३. हम यूरोप और अमेरिका के साथ साथ अन्य मार्किट को काबिज कर रहे है जिससे एक्सपोर्ट का बढ़ने के साथ रिस्क कम होगा |  ४.  विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहे है |  ५. हाई एन्ड टेक्नोलॉजी के लिए निवेश आ रहा है |  ६. सरकार की आमदनी स्टाम्प ड्यूटी से आने वाली सतत बाद रही इसका मतलब मकानों की बिक्री बढ़ रही है और रेडी तो मूव मकानों की संख्या कम हो रही है |  ७. सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ने से टैक्स कलेक्शन बढ़ रहा है |  ८. बैंक लोन  बढ़ने से उद्योग में निवेश हो रहा है |  ९. बैंक लोन रिकवरी बढ़ रही है |  १०. RERA  से सारे  भागीदार फायदा उठ

|| शनिवार संवाद || 17-02-2024

 अर्थ व्यवस्था के  हाल  पर प्रकाश डालने के लिए सरकार  ने श्वेत पत्र लाया  है| आज हम अपनी अर्थ व्यवस्था के उत्थान को देख और अनुभव कर रहे है| अगर हम १९१९ से आज तक का सफर देखते है तो पाते  है की अभी उसका इम्पैक्ट या सामाजिक असर ज्यादा है |  हम भारतीय, वेल्थ को बढ़ाने में विश्वास  करते है, हमारी परवरिश और सामाजिक परिवेश इसके लिए बेहद अनुकूल है | १९९१ से हम लगातार मध्यम वर्ग बड़ा रहे है और ये वर्ग लगातार पैसो का सर्कुलेशन करने में सहायक होते है |  पहले पहले हमें इसके लिए तैयार नहीं थे और न ही कोई व्यवस्था थी उसके लिए | पिछले दस साल से हम अपनी बेसिक जरूरतों को पूरा करने में ध्यान दिया जिससे इसका असर और व्यापक हो गया| उदाहरण के लिए हम PM आवास योजना को देखे तो आप अच्छी तरह से समझ सकते है  इसका असर | पिछले ७० साल से हम बिजली कपड़ा और मकान पर चुनाव होते देखा और ये वादा अब जा कर पूरा हो रहा है  इसके साथ बिजली और स्वच्छ पानी घर तक पहुंच रहा है |  मकान, बिजली और पानी ये जरूरत पूरी होने पर आप अपनी सोच को बड़ा कर सकते हो और अन्य बातो पर ध्यान देना आसान होता है | सामान्य तौर से देखे तो हम इसको जानते है और