|| शनिवार संवाद || 02-03-2024
साल २०२० में सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की गयी थी | कोई ७६००० करोड़ की भारी भरकम योजना हमे आत्मनिर्भर बनाने के लिए थी, प्रोडक्शन शुरू करने पर ये रकम सब्सिडी मिलनी थी इसमें कई बदलाव किये गए और पिछले साल से अब तक ४ कंपनी ने इसके लिए आवेदन किये है | इसमें फॉक्सकॉन का प्लांट जोकि धोलेरा गुजरात में बनाने लगा है |
अब तक हम इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सिर्फ ट्रेडिंग करते थे या उससे पहले असेंब्ली करते थे डिज़ाइन या उसके कॉम्पोनेन्ट हम विदेश से लेते थे |
फिर हम १००% इम्पोर्ट पर निर्भर हो गए और इसका इम्पोर्ट बिल कोई १०० करोड़ डॉलर तक पहुंचने लगा था सारी जरुरत के लिए हम चीन पर डिपेंडेंट थे |
हमने अपना इकोसिस्टम नहीं बनाया या जो भी था उसे खत्म कर दिया | जो भी इकोसिस्टम था उसमे लाखो लोगो का रोजगार था |
जैसे जैसे हम सॉफ्टवेयर में हब बनते गए वैसे वैसे मैन्युफैक्चरिंग के लिए दुसरो पर निर्भर हो गए जिससे हमे पुरे eco सिस्टम का लाभ नहीं मिला ना ही हम अपने इम्पोर्ट को कम कर सके |
अब फोकस एरिया आत्मनिर्भरता है | इको सिस्टम पर काम शुरू कर दिया अब असेंबली के साथ कॉम्पोनेन्ट का उत्पादन भी हो रहा है, डिज़ाइन का काम अब भी हम ही कर रहे है |
प्रोडक्ट का डिज़ाइन, कॉम्पोनेन्ट, असेंबली का काम लोकल लेवल पर ही कर रहे है यह अभी प्रारंभिक स्तिथि है |
टूल्स के लिए हम अभी दुसरो पर डिपेंडेंट है पर आगे ये भी लोकल हो जायेगा |
लोकल जरुरत और एक्सपोर्ट के लिए हम गुड्स बना रहे है |
हर रोज हम कुछ न कुछ पढ़ रहे अर्थव्यवस्था में होने वाले पॉजिटिव इम्पैक्ट के बारे में | ये नया भारत रोज बदल रहा है और आगे बढ रहा है औरो को भी बढ़ा रहा है | हम अपने "वसुधैव कुटुम्बकम " के उद्घोष का आचरण कर रहे है और इसका असर सब तरफ दिख रहा है |
Comments
Post a Comment