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Showing posts from May, 2024

|| शनिवार संवाद || 25 -०5 -2024

हम बहुत दिनों से थिएटर कमांड की बात सुन रहे थे | सेना के लिए इसकी बहुत जरूरत है पर इसको लम्बा खींचा गया | वैसे तो इस विषय का हमसे सीधा सम्बन्ध नहीं | देश की सुरक्षा से है,पर जो वेल्थ जो हम क्रिएट कर  रहे है वह सब के लिए है | वेल्थ देश की और हमारी दोनों की सुरक्षा जरुरी है |  अगर हम अपने इतिहास को देखे तो दुनिया में सबसे ज्यादा वेल्थ बनाने का काम भारत ने किया है, जिसे लूटने के लिए पुरि दुनिया  से लोग आते थे साथ ही हमसे व्यापार के लिए भी।  हम दुनिया के मध्य में है | और सारा व्यापार हमारे आसपास से होता है |  ये पहले भी होता था, तब हम जमीन और समुद्र दोनों में सजग थे जिससे व्यापार सुरक्षित तरिके से  होता था | क्युकी हमारी सामरिक ताकत थी और उसे संभाला जाता था | जिससे व्यापारी हमे पहला ऑप्शन के तरह से देखते थे और क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों पूरी करने में हम सक्षम थे | सुरक्षा और माल  की गॅरंटी |  जब हम समुद्र में कमजोर हुए तोह हमे अलग अलग तरिके से व्यापार में नुकसान उठाते रहे और  गुलाम भी हुए क्युकी न सिर्फ नेवी वरन आर्मी भी कमजोर थी उस वक़्त | ...

|| शनिवार संवाद || 18 -05 -2024

 आजकल बड़ी गजब की खबरे आ रही है , रूस और उक्रैन युद्ध के बाद से हम सबसे ज्यादा फायदे में है | पहले हमने सस्ते में तेल खरीदा | ये डिस्काउंट 20 % के आस पास था,अब ये  10 -15 % है | कच्चा तेल हमे इस डिस्काउंट के साथ भारत आया इसका मतलब यह तेल हमारे देश में इसी डिस्काउंट के साथ आया  जहाज का किराया और इन्शुरन्स के साथ |  इससे हमारे इकॉनमी को बढ़ने के लिए एक संजीवनी की तरह थी और है भी | इससे  हमारे आंतरिक कीमतों में बहुत ज्यादा बड़ी नहीं |  जब दुनिया महंगाई से परेशान थी उस वक़्त हम इससे बचे हुए थे | हम अपना बजट में ज्यादा बदल न करते हुए आगे बढ़ रहे थे क्युकी तेल की महंगाई  स्थिर थी | जिससे अन्य महंगाई बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी | ये थी पुरानी और चलती हुई बाते| आज ये हमारे उतनी महत्त्व की नहीं | पर फायदा हमे मिला |   आज जो हो रहा है वो हम चाहते थे पर पहले असंभव सा लगता था  | हमने सैंक्शन की वजह से रूस को रूपये में भुगतान कर रहे थे | हमारा इम्पोर्ट ें दो साल में लगभग $50 B का है , इसका भुगतान के पैसे अभी भी  हमारे पास ही है | हमने इम्पोर्ट कम कर दि...

|| शनिवार संवाद || 11-05 -2024

हर अप्रैल की तरह इसबार GST का संग्रह 2 लाख करोड़ को पर कर गया | अगर हम पिछले कुछ साल जो की कोरोना के बाद के है उसमे हम पाते है की जो रकम अप्रैल में संग्रहित होती है उसके आस पास ही gst की कलेक्शन पुरे साल होती रहती है |  पिछले साल का कलेक्शन जोकि लगभग 1 करोड़ 80 लाख का महीने दर  महीने  थी उससे पहले यही 1. 6 लाख करोड़ थी |  इस साल हम ऐसी ट्रेंड को फॉलो कर सकते है | और हमारा कलेक्शन 2 लाख करोड़ का रह सकता है, विकास के लिए ज्यादा पैसे की उपलब्धता |  जब से हमने पैन और आधार को लिंक कर दिया है ट्रांस्पेरेन्सी बढ़ रही है | जोकि ज्यादा कलेक्शन में दिख रही है | इसके साथ ही हमने अन्य रिफॉर्म्स भी किया जोकि आवश्यक थे | ये हमारी मानसिकता की बदल को भी दर्शाती है | अब पैसे का  सद उपयोग बढ़ गया है और उसका फायदा सभी को एक जैसा मिल रहा है |  सबसे बड़ी बात ये है की चुनाव का असर अब भी नहीं दिख रहा है जोकि चुनाव से 6 महीने पहले दिखना शुरू हो जाता था मार्किट से पैसा गायब हो जाता था पर अब ये नहीं हो रहा है वरन लोग विश्वास के साथ निवेश कर  रहे है | दुनिया बदल गई है और भारत भी, ...