।। शनिवार संवाद ।। 22-02-2025

आज हम इकोनॉमी को फॉर्मल होते हुए देख रहे है। इसका फायदा भी उठा रहे हैं।
नोट बंदी और उसके पहले लिए गए एक्शन ने इसकी बुनियाद रखी थी, इस कड़ी में अब सरकार डायरेक्ट इनकम टैक्स बिल ले कर आई है।
ये भी आने वाले समय मे संसद से पास हो जाएगा शायद इसमें बहुत ज्यादा संशोधन न करना पड़े जो हमने पुराने कोड में देखा था, जो कि  बहुत उलझा हुआ था या है।
नए कोड की भाषा सरल होनी चाहिए। अभी यह प्रवर समिति के पास है जिस पर काम किया जा रहा है।
कॉरपोरेट टैक्स बहुत हद तक सरल हो गए है और स्थिर भी। बाकी प्रोसीजर भी साफ सुथरी हो रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है।
कुछ समय पहले इकोनॉमी के इंडिकेटर की चर्चा बहुत होती थी, जैसे कि करेंट अकाउंट डेफिसिट, fiscal डेफिसिट इत्यादि।
और आज होती अर्थव्यवस्था के विकास दर जो कि हमारे विश्वास को दर्शाती है।
निवेश की बाते होती है और किस क्षेत्र में हुई है इस पर बात होती है।
सबसे अच्छी बात यह है कि है विनिवेश का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं, और उससे हमें फर्क नहीं पड़ रहा है। एसेट बना कर के,उसके बंडल या समूह बना कर उनकी लिस्टिंग कर पैसे खड़े कर रहे और उसकी मालिकाना हक या तो भारतीय जनता के पास है नहीं तो भारत सरकार के पास।
पहले विनिवेश सरकार का घाटा पुरा करने के लिए होता था,एसेट आप अपनी आमदनी नहीं हो रही इसलिए बेचते थे।
जो कंपनी सालोसाल घाटे में चल रही है उन्हें बेचना तो ठीक है पर उसे कोई लेना नहीं चाहता। इसलिए मुनाफे वाली कंपनी बेचो,और इस के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाता था।
पर अब लोग अपना टैक्स जमा करने से पीछे नहीं हट रहे है और सरकार की आमदनी बढ़ रही है। उसका प्रतिफल हमें अपने बढ़ते आत्मविश्वास से दिखती है।
आज दुनिया हमें देखती है कि हमारा रैंकिंग क्या है वर्ल्ड इकोनॉमी में और वर्ल्ड ट्रेड में हमारी हिस्सेदारी से।
इकोनॉमी जल्द ही पांच ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी अभी है चार ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है। औसत आमदनी ढाई हजार डॉलर से थोड़ा ज्यादा।
इस आमदनी ने दुनिया में तेज रफ्तार से अर्थव्यवस्था को बढ़ाया और हम बढ़ रहे है।






Comments

Popular posts from this blog

|| SHANIWAR TALK || 17-12-2022

|| SHANIWAR SAMWAD || 11-12-2021

|| SHANIWAR SAMWAD || 18-12-2021