|| शनिवार संवाद || 29 -06 -2024
कुछ बाते समय से पहले होती है जिसके लिए हम तैयार नहीं होते| पर हमारी सरकार की दूरदर्शिता ही है जो वक़्त से पहले आने वाली परिस्तिथि का आकलन करके उसपर निर्णय ले लिया |
उदाहरण के लिए सन 1995 के आसपास BSE ने छोटी और माइक्रो उद्योगों की लिस्टिंग के प्लेटफार्म का निर्माण किया पर उस वक़्त वह चल नहीं सका | उस वक़्त हमने अपना बाजार खोलने का निर्णय लिया और उसपर अमल किया था और हम इसके लिए तैयार नहीं थे पर परिस्तिथि ने हमे इस पर आगे बढ़ने के लिए मजबूर किया |
विदेशी कम्पनी भारत में निवेश कर रही थी और हमारी कंपनीया बंद हो रही थी और कुछ अपने को नए परिवेश में ढलने की कोशिश कर रही थी | इस लिए SME प्लेटफार्म का कोई फायदा नहीं हुआ पर एक नई राह हमे भविष्य के लिए मिली |
ऐसा ही फैसला ADR और GDR की तर्ज पर IDR की कोशिश 2003 में की गई जो विदेशी कम्पनीओ की प्रतिभूति का भारत में लिस्टिंग करने का प्रस्ताव था | निर्णय अच्छा था पर उस पर कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली सिर्फ एक कंपनी स्टैंडर्ड एंड चार्टेड बैंक ने ही इसका उपयोग किया | अब वो लिस्टेड है या नहीं उसका कोई पता नहीं |
ओफ़्सेट का नियम हमारे सरकारी खरीद पर था और है और उसका उपयोग पहले थोड़ा और अब पूरी तरह से हो रहा है | उसका फायदा जॉब के निर्माण के साथ नए मार्किट के लिए हम तैयार हो गए जिसका कम्पाउंडिंग इफ़ेक्ट इकोनॉमी में हो रहा है |
वैसे ही जब विदेशी कंपनी भारत में निवेश के लिए आती है तब उन्हें एक शर्त का पालन करना होता है, दस साल बाद या जब वे मुनाफा कमान शुरू कर दे जो जल्दी है तब उन्हें लिस्टिंग करना होगा | इसका पालन कोई नहीं कर रहा इसका खामियाजा हम भुगत रहे है, जब हमे विदेशी कंपनी में निवेश करना होता है तो हमे उनके देश में जा कर निवेश करना पड़ता है | उनके लिए हम सिर्फ एक बाजार है फायदा हमे क्या मिलता है कोई भी वेल्थ क्रिएट यहाँ न हो कर वे अपने देश में करते है हम सिर्फ एक उपभोक्ता है और इससे ज्यादा कुछ नहीं |
विदेश में निवेश का खर्च ज्यादा है निवेशक के लिए भारत के मुकाबले और सारी बड़ी कंपनी हमारे यहाँ धंदा कर है और मुनाफा अपने लोगो के साथ बाँट रही है | इस पर कार्यवाही की बहुत जरुरत है |
चुनाव से पहले हुंडई लिस्टिंग की तैयारी क़र रही थी और उसने चुनाव का बहाना कर उसे रोक दिया | पर अब वह सितम्बर में लिस्टिंग करने की तैयारी रही है | अभी यह लिस्ट बहुत बड़ी है जो हमसे कमा रही है और वेल्थ अपनों का ही बड़ा कर रही है | सरकार के निर्णय पहले से लिए हुए थे जो बहुत अच्छे है उनका अनुपालन होना चाहिए | क्युकी हम दुनिया की सबसे तेज गति के साथ बढ़ती हुए इकॉनमी है, स्थिर और निर्णय लेने में सक्षम सरकार|
अभी नहीं तो कब ?????
हम सिर्फ बड़ा बाजार बन कर रहे यह नहीं चलेगा हमे हमारे वेल्थ का हिस्सा चाहिए जो यही पर रहे |
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