|| शनिवार संवाद ||06-01-2024

 हाल  में हमने इग्लिश नया साल मनाया | और आज हम २०२३ में  हमारे अर्थव्यवस्था का  अवलोकन करते है | GST की बात करे तो हमने १. ६५ लाख करोड़ की औसत से सरकार को दिए है | जिसका अर्थ है की हम अपनी इकॉनमी का फॉर्मल करने  की प्रक्रिया की तरफ बढ़ रहे ,आने वाले  दिनों में ये और तेज होगी | अब सब इसका अनुपालन करने की इच्छा सब तरफ दिखती है | 

विनिर्माण की हिस्सेदारी १७% से बढ़  कर २५% होने की रह पर है और इससे फॉर्मल जॉब्स का निर्माण होता जायेगा और ये लम्बे समय अपनी भूमिका अदा करते रहेगी | क्युकी जब आप एक विनिर्माण सयंत्र लगते है तो ओपन मार्किट में  सकारात्मक असर होता है| 

इंफ़्रा सेक्टर पर निवेश चाहे रोड, रेलवे , पोर्ट और एयरपोर्ट पर तेजी से काम हो रहा है|  इस सेक्टर में निवेश सन २०१४ से जारी है| उसका असर इकॉनमी पर हो रहा है जो अब दिखने लगा और इस पर निवेश हर साल बढ़ रहा है | 

अब करीब करीब 28 km सड़क निर्माण हो रहा है |  इसके लिए जो भी दिक्कत है उस पर लगातार बढ़ाते जा रहे है साथ ही रेलवे भी अब अपनी ऑपरेटिंग रेश्यो को कम कर रही है और इंफ़्रा पर निवेश कर रहे|  इस साल का बजट ज्यादा  है इससे हम रेलवे संरचना को सुधार  रहे है वरन टेक्नोलॉजी पर निवेश बढ़ाया जा रहा है जो हमे इम्पोर्ट डिपेंडेंट होने से बचा रही है | पोर्ट पर मॉल ढुलाई हर साल बढ़  रहा है जिसका असर विदेशी व्यापार  में दीखता है इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का अंतर घट  रहा है, जो हम करंट अकाउंट deficit से पता लगता जो की अभी १% है |  एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ती जा रही और एयरोप्लेन की संख्या भी और इंटरनेशनल एयरपोर्ट की संख्या भी | 

 PMI जो विनिर्माण और सेवा का फैलाव या घटाव दर्शाता है | इस साल हम फैलाव के साथ ही स्टार्ट हुए और बढ़ते हुए साल का अंत कर रहे है | 

लिस्ट बहुत लम्बी है पर हम उद्योग जगत की बात करे तो उनका विश्वास बढ़ रहा है तथा इंडस्ट्री ७५%  कैपेसिटी का इस्तेमाल कबका पर कर चुके  है इसका  मनोवैज्ञानिक असर ये है की बोर्ड नए निवेश पर आगे बढ़ रहा है | उद्योगोग को अब निवेश करना ही पड़ेगा और वे अब इसके लिए तैयार है | 

इस साल हमने par capita इनकम का  $ २५०० का स्तर पार कर लिया है, जो की आपकी गरीबी का उरमूलून होना दिखता है | सामाजिक निवेश जो सरकार कर रही है उसका फायदा मिल रहा है | विश्वास बढ़ता जा रहा है|

 उपभोग चाहे शहरी क्षेत्र  या ग्रामीण हो सतत बढ़  रहा है | मनरेगा के तहत नौकरी मांगने वालो की संख्या घट  रही है | रोजगार लगातार बढ़  रहे है | हम सब इस साल  चौथी बड़ी अर्थ व्यवस्था बन जायेंगे  वो भी पहली छःमाही में | 

थोड़ा सा इंतजार और  रिजल्ट आने का सिलसिला जो अभी चल रहा है वो बढ़ता जायेगा | वेल्थ जो जेनेरेट  होगी वो हमे दुनिया के सबसे आमिर देश के नागरिक बन जायेंगे | 

 


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