|| शनिवार संवाद || 02-12-2023
अब तक हमने देखा हमारा व्यवहार का बदलाव जो की नोटबंदी के बाद आया. हमारी सोच भी बदली है, हम और देश दोनों बदल रहे है| जरा देश मे आये बदलाव पर नज़र मारते है तो हम पाते है की अर्थयवस्था बढ़ रही है और इसका असर भी अब दिख रहा है |
टैक्स to जीडीपी का अनुपात बढ़ रहा है और GST संग्रह २०१७ से सतत बढ़ रहा है | हमारा GDP का आकार २०१६ से बढ़ रहा है, और हम दुनिया की न सिर्फ बढ़ते हुई अर्थव्यवस्था है वरन हम आज 5 वि बड़ी अर्थव्यवस्था है और 4 बड़ी इकॉनमी बनने की रहा पर है|
हम जल्द ही इस पायदान पर होंगे की दुनिया की ३र्ड बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेंगे | आज हमारी अर्थव्यवस्था जो की काला धन की व्यवस्था थी वो ध्वस्त हो रही है | जितना इकोनॉमी फॉर्मल होगी उतना ही फायदा सब को होगा क्युकी सिस्टम मे तरलता बढ़ती जाएगी और पैसे का प्रोडक्टिव इस्तेमाल होगा |
आज भारत और भारतीय नागरिक आपस में ज्यादा नजदीक हो गए है, सबको देश अपना लगने लगा है | असेट क्रिएशन जो की अब तक कागजो पर था वो धरती पर उतर रहा है | योजनाए वक़्त पर पूरी हो रही है और उसका लाभ सबको मिल रहा है |
आप कोई योजना बनाते हो और उसको वक़्त पर पूरा करते हो तो सबका विश्वास बढ़ता है और उसका सीधा यानि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है | अगर आपका कमाया हुआ पैसा सही जगह पर लगता है और उसका लाभ सबको मिलता है तो आप टैक्स भरने से पीछे नहीं हटते |
नोटेबंदी के साथ साथ ease ऑफ़ doing बिज़नेस की निति से कंप्लायंस कॉस्ट कम हो रही है तथा फेसलेस कंप्लायंस इस विश्वास की बढ़ोतरी हो रही है उसका असर हम महसूस करने लगे है है | Ease ऑफ़ लिविंग से जिंदगी आसान हो रही क्युकी सेवाएं डिजिटल हो रही है उससे आप सेल्फ डिपेंडेंट होते जा रहे है |
असर सब पर पड़ा और वो भी पॉजिटिव है सबके लिए |
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